UPSC प्रतिभागियों के लिए नई राह: ‘प्रतिभा सेतु’ योजना से निजी क्षेत्र में मिलेगा सुनहरा रोजगार अवसर!

युवाओं की कड़ी मेहनत अब बेकार नहीं जाएगी: यूपीएससी ने शुरू की ‘प्रतिभा सेतु’ योजना भारत में UPSC परीक्षा को सबसे प्रतिष्ठित और कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं में गिना जाता है। हर साल लाखों अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल होते हैं, लेकिन अंतिम चयन कुछ ही का हो पाता है। ऐसे में जो उम्मीदवार इंटरव्यू तक पहुंचते हैं लेकिन अंतिम मेरिट सूची में नहीं आ पाते, उनके लिए यह यात्रा अधूरी सी लगती है। इसी दर्द को समझते हुए संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने एक नई पहल शुरू की है – UPSC PRATIBHA Setu यह योजना निजी और सरकारी क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता वाली प्रतिभा को उपलब्ध कराने का माध्यम बनेगी और चयन से चूक गए मेधावी अभ्यर्थियों को करियर के नए विकल्प देगी।

‘प्रतिभा सेतु’ योजना क्या है?

प्रतिभा सेतु’ एक डिजिटल और संगठनात्मक पहल है जिसे “व्यावसायिक संसाधन और प्रतिभा एकीकरण” के तौर पर भी समझा जा सकता है। यह उन उम्मीदवारों के लिए एक रोजगार सेतु (Employment Bridge) बनाता है जिन्होंने UPSC की परीक्षा के विभिन्न चरण तो पास किए, लेकिन फाइनल मेरिट में नहीं आ पाए।

योजना के मुख्य बिंदु:

  • पहले इसका नाम Public Disclosure Scheme (PDS) था।
  • अब इसे ‘प्रतिभा सेतु’ के रूप में रि- ब्रांड किया गया है।
  • इस पहल के माध्यम से सत्यापित नियोक्ताओं को इन योग्य अभ्यर्थियों का डेटा उपलब्ध कराया जाता है।

‘प्रतिभा सेतु’ योजना से किन परीक्षाओं के अभ्यर्थियों को मिल रहा है लाभ?

‘प्रतिभा सेतु’ योजना सिर्फ UPSC की मुख्य परीक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें शामिल हैं। सिविल सेवा परीक्षा (IAS/IPS/IFS), इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा (ESE), संयुक्त चिकित्सा सेवा परीक्षा (CMS), अन्य UPSC परीक्षाएं ।

अब तक कितने संगठन जुड़े?

इस योजना को शुरू करने के कुछ ही महीनों में 113 से अधिक प्रतिष्ठित संगठन इससे जुड़ चुके हैं, जिनमें कई नामी निजी कंपनियाँ, स्टार्टअप्स और सरकारी एजेंसियाँ शामिल हैं। ये सभी संगठनों ने प्रतिभा सेतु पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर, इन उम्मीदवारों की जानकारी प्राप्त की है। इसकी प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित उम्मीदवार की सहमति से ही डेटा साझा किया जाता है। और चयन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और सत्यापित होती है। साथ ही हर कंपनी की बैकग्राउंड जाँच की जाती है। तभी उसे आर्गेनाइजेशन या कंपनी को इसमें शामिल किया जाता है। ताकि कोई फ्रॉड जैसी सिचुएशन उत्पन्न न हो ।

अभ्यर्थियों को क्या लाभ मिलेगा ‘प्रतिभा सेतु’ योजना से?

  • रोजगार के विकल्प:निजी कंपनियों में मैनेजमेंट, रिसर्च, एडमिनिस्ट्रेशन, पॉलिसी, एनालिटिक्स आदि क्षेत्र में नौकरियाँ।पब्लिक पॉलिसी, CSR, थिंक टैंक, और कंसल्टिंग क्षेत्र में अवसर।
  • प्रतिष्ठा और अनुभव का सम्मान:UPSC की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों को कड़ी प्रतिस्पर्धा और जागरूकता का अनुभव होता है, जो कंपनियों के लिए फायदेमंद होता है।
  • पर्सनल ग्रोथ का अवसर:अब वे अभ्यर्थी जो पहले निराश हो जाते थे, वे अपने अनुभव और ज्ञान का प्रयोग कर प्रोफेशनल ग्रोथ कर सकते हैं।

योजना के पीछे का दृष्टिकोण

इस योजना के पीछे सरकार की सोच बहुत स्पष्ट है — योग्य प्रतिभा को बर्बाद नहीं होने देना। वर्षों की मेहनत और ज्ञान को सिर्फ इस वजह से नहीं छोड़ा जा सकता कि वे फाइनल कट-ऑफ में नहीं आ पाए। > जैसा कि एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा: “प्रतिभा सेतु योजना से देश की सबसे अच्छी प्रतिभा को फिर से दिशा मिलेगी और निजी क्षेत्र को बेहतरीन ह्यूमन रिसोर्स उपलब्ध होगा।”

कैसे कर सकते हैं ‘प्रतिभा सेतु’ योजना में रजिस्ट्रेशन?

🔸 अभ्यर्थियों के लिए प्रक्रिया:

1. UPSC द्वारा योग्य उम्मीदवारों को लिंक भेजा जाता है।

2. उम्मीदवार अपनी स्वीकृति देकर योजना में शामिल होते हैं।

3. डेटा को निजी और सरकारी क्षेत्र के नियोक्ताओं के साथ साझा किया जाता है।

🔸 नियोक्ताओं के लिए प्रक्रिया:

1. सत्यापन के बाद उन्हें प्लेटफॉर्म की एक्सेस दी जाती है।

2. वे अपनी आवश्यकताओं के अनुसार उम्मीदवारों को संपर्क करते हैं।

भविष्य की संभावनाएं और विस्तार

सरकार ने संकेत दिए हैं कि भविष्य में इस योजना को और भी अधिक व्यापक किया जाएगा: UPSC के अलावा SSC, बैंकिंग और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों को भी इसमें शामिल किया जा सकता है। कौशल आधारित वर्गीकरण कर कंपनियों की जरूरत के हिसाब से डेटा शेयरिंग की जा सकती है।

निष्कर्ष

‘प्रतिभा’ को नई उड़ान: UPSC जैसी परीक्षा में असफल होना अब जिंदगी की असफलता नहीं है। ‘प्रतिभा सेतु’ ने यह साबित कर दिया है कि सही प्लेटफॉर्म और नीति के माध्यम से किसी भी योग्यता को सकारात्मक मोड़ दिया जा सकता है। सरकार की यह योजना न केवल युवाओं को हौसला देती है, बल्कि देश के ह्यूमन कैपिटल को एक नई दिशा भी प्रदान करती है।

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