PM मोदी की अर्जेंटीना यात्रा 2025: 57 वर्षों बाद ऐतिहासिक दौरा, रक्षा, ऊर्जा और निवेश में नए अध्याय की शुरुआत

PM मोदी की अर्जेंटीना यात्रा का 5 जुलाई 2025 को दौरा ऐतिहासिक रहा। यह 57 वर्षों में पहली बार है जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने द्विपक्षीय वार्ता के लिए अर्जेंटीना की यात्रा की है। यह दौरा प्रधानमंत्री मोदी की पांच देशों की यात्रा का तीसरा चरण है, 5 जुलाई 2025 को पीएम नरेंद्र मोदी अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स एजीजा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे, जहां उनका भव्य पारंपरिक स्वागत किया गया।

PM मोदी की अर्जेंटीना यात्रा 2025
पीएम नरेंद्र मोदी अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स एजीजा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे फोटो X

एजीजा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

इस द्विपक्षीय वार्ता के दौरान उन्होंने अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई (Javier Milei) के साथ विविध क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए उच्च स्तरीय बैठकें कीं।

हम इस दौरे की प्रमुख बातों, भारत-अर्जेंटीना के द्विपक्षीय संबंधों, भविष्य की योजनाओं और सामरिक दृष्टिकोण से इसके महत्व पर चर्चा करेंगे।

भारत-अर्जेंटीना द्विपक्षीय संबंधों का इतिहास

भारत और अर्जेंटीना के रिश्ते 1949 में औपचारिक रूप से स्थापित हुए थे। 1948 में भारत ने लैटिन अमेरिका में अपना पहला दूतावास अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में खोला था। इसके बाद 2006 में दोनों देशों के रिश्ते को “स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप” का दर्जा दिया गया।प्रधानमंत्री मोदी की यह अर्जेंटीना के लिए दूसरी आधिकारिक यात्रा है। इससे पहले वह 2018 में जी20 शिखर सम्मेलन के लिए यहां आए थे।

PM मोदी की अर्जेंटीना यात्रा का उद्देश्य और प्रमुख एजेंडा

PM मोदी की अर्जेंटीना यात्रा का उद्देश्य था

🔹 द्विपक्षीय सहयोग को मजबूती देना

🔹 रक्षा, कृषि, खनन, तेल-गैस और नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश

🔹 शाले गैस और लिथियम जैसे खनिज संसाधनों में साझेदारी

🔹 ट्रेड और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर को बढ़ावा

🔹 संयुक्त MoU (समझौते) पर हस्ताक्षर

वार्ताओं का मुख्य फोकस

“द हिन्दू” के लेख के अनुसार निम्नलिखित पहलुओं पर चर्चा हुई।

1.रक्षा सहयोग

भारत और अर्जेंटीना रक्षा क्षेत्र में तकनीकी सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए। दोनों देशों के रक्षा मंत्रालयों के बीच साझा उत्पादन और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को शुरू करने पर चर्चा हुई।

2. ऊर्जा और खनिज सुरक्षा

अर्जेंटीना शाले गैस और लिथियम का वैश्विक हब है। भारत इन संसाधनों को अपनी ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन नीति के लिए आवश्यक मानता है।

मोदी ने लिथियम के क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारी को प्राथमिकता दी।

3. कृषि और खाद्य प्रसंस्करण

दोनों देश कृषि तकनीक, जैविक खेती और खाद्य प्रसंस्करण में सहयोग को विस्तार देने के लिए सहमत हुए।

4. नवीकरणीय ऊर्जा

भारत और अर्जेंटीना ने सौर, पवन और हाइड्रो ऊर्जा परियोजनाओं में संयुक्त निवेश और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के प्रस्तावों पर चर्चा की।

5. व्यापार और निवेश

प्रधानमंत्री मोदी ने अर्जेंटीना के निवेशकों को भारत में निर्माण, स्टार्टअप और ग्रीन एनर्जी सेक्टर में निवेश का निमंत्रण

PM मोदी की अर्जेंटीना यात्रा का सम्मान और सांस्कृतिक पहल

प्रधानमंत्री मोदी ने ब्यूनस आयर्स में स्थित “प्लाज़ा दे सैन मार्टिन” जाकर जोसे दे सैन मार्टिन को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्हें अर्जेंटीना के राष्ट्रपिता माना जाता है।

इस दौरान अर्जेंटीना में भारतीय प्रवासी समुदाय ने प्रधानमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया और उनके नेतृत्व की सराहना की।

आगे का दौरा: ब्राज़ील और नामीबिया

प्रधानमंत्री मोदी की अगली यात्रा ब्राज़ील है, जहां वह 17वां BRICS सम्मेलन में भाग लेंगे।

भारत और ब्राज़ील के बीच एक महत्वपूर्ण आतंकवाद रोधी समझौते (MoU on Counterterrorism) पर हस्ताक्षर की संभावना है।

ब्राज़ील के बाद पीएम मोदी नामीबिया की यात्रा पर जाएंगे, जो अफ्रीका के साथ भारत के रणनीतिक रिश्तों को और गहरा करेगा।

भारत और अर्जेंटीना: ऊर्जा सहयोग की नई दिशा

भारत की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों और अर्जेंटीना के प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता को देखते हुए दोनों देशों के बीच एक दीर्घकालिक ऊर्जा साझेदारी की नींव रखी गई है।

अर्जेंटीना के पास:

✅ विश्व का दूसरा सबसे बड़ा शाले गैस भंडार

✅ चौथा सबसे बड़ा शाले तेल भंडार

✅ लिथियम जैसे दुर्लभ खनिजों की उपलब्धता

भारत इन संसाधनों को रणनीतिक तौर पर उपयोग करना चाहता है जिससे देश की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत हो।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री मोदी की अर्जेंटीना यात्रा न केवल कूटनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि ऊर्जा, रक्षा, कृषि और निवेश जैसे प्रमुख क्षेत्रों में भारत की वैश्विक भागीदारी को सशक्त करने वाला कदम है।

57 वर्षों के अंतराल के बाद अर्जेंटीना में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की आधिकारिक द्विपक्षीय यात्रा ने दोनों देशों के रिश्तों में “नए युग” की शुरुआत कर दी है।

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