Henley Passport Index 2025 में अब तक की सबसे उल्लेखनीय छलांग लगाई है। इस वर्ष भारत ने 85वें स्थान से छलांग लगाकर 77वां स्थान हासिल किया है, जोकि भारत के पासपोर्ट की वैश्विक स्थिति में एक ऐतिहासिक सुधार को दर्शाता है। यह उछाल न सिर्फ एक सांख्यिकीय उपलब्धि है, बल्कि यह भारत की कूटनीतिक सक्रियता, विदेश नीति की मजबूती और वैश्विक मंच पर बढ़ते प्रभाव का भी प्रमाण है। इस लेख में हम जानेंगे कि इस बदलाव के क्या मायने हैं, भारत को कौन-कौन से नए लाभ मिले हैं और अभी किन क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है।
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Henley Passport Index क्या है?
Henley Passport Index एक अंतरराष्ट्रीय पासपोर्ट रैंकिंग सूचकांक है, जो यह तय करता है कि किसी देश का पासपोर्ट धारक कितने देशों में बिना वीज़ा (Visa-Free) या वीज़ा-ऑन-अराइवल (Visa-on-Arrival) सुविधा का लाभ उठा सकता है। इस रैंकिंग को लंदन स्थित परामर्श कंपनी Henley & Partners द्वारा प्रकाशित किया जाता है और यह अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ (IATA) के आंकड़ों पर आधारित होता है। इस इंडेक्स में 199 विभिन्न पासपोर्ट और 227 यात्रा गंतव्य शामिल हैं। 199 देशों का मूल्यांकन वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत हिस्से के आधार पर करता है । हर तिमाही में इस इंडेक्स को अपडेट किया जाता है, जिससे यह वैश्विक गतिशीलता यानी ग्लोबल मोबिलिटी (Global Mobility) की विश्वसनीय झलक प्रदान करता है।
Henley Passport Index में भारत की छलांग का महत्व
भारत की रैंकिंग में 8 स्थानों का उछाल अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह पिछले वर्षों में अब तक की सबसे बड़ी वार्षिक वृद्धि है। वर्ष 2025 में भारतीय पासपोर्ट धारकों को 59 देशों में वीज़ा-मुक्त या वीज़ा-ऑन-अराइवल की सुविधा प्राप्त है। इसका मतलब है कि अब भारतीय नागरिक इन देशों में बिना किसी पूर्व वीज़ा आवेदन की प्रक्रिया के यात्रा कर सकते हैं, जिससे समय और संसाधनों की बचत होती है। यह सुविधा विशेष रूप से पर्यटन, व्यापार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े नागरिकों के लिए बहुत लाभकारी सिद्ध हो रही है।
भारत की प्रगति के पीछे कारणभारत की इस प्रगति के पीछे मुख्य रूप से मजबूत कूटनीतिक प्रयास, द्विपक्षीय समझौते और विदेश नीति में निरंतर सुधार का हाथ है। भारत ने कई देशों के साथ वीज़ा माफ़ी (Visa Waiver) समझौते किए हैं, जिससे अब इन देशों में भारतीयों को वीज़ा नहीं लेना पड़ता। साथ ही, भारत की आर्थिक स्थिति, व्यापारिक साझेदारियां और वैश्विक मंच पर सक्रिय भूमिका ने भी इस प्रगति में योगदान दिया है।
कौन-कौन से देश दे रहे हैं वीज़ा-फ्री और वीज़ा-ऑन-अराइवल की सुविधा?
भारत के नागरिक अब कई प्रमुख एशियाई और अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थलों में वीज़ा-फ्री यात्रा कर सकते हैं। इन देशों में मलेशिया, इंडोनेशिया, थाईलैंड, मालदीव, फिलीपींस और हाल ही में शामिल श्रीलंका जैसे देश शामिल हैं। इसके अतिरिक्त मकाओ और म्यांमार जैसे देशों ने वीज़ा-ऑन-अराइवल की सुविधा दी है। यह सुविधा यात्रियों के लिए यात्रा अनुभव को और भी आसान बनाती है, क्योंकि अब उन्हें पहले से वीज़ा के लिए आवेदन नहीं करना पड़ता।
वैश्विक रैंकिंग में भारत की स्थिति
भारत ने इस वर्ष 85वें स्थान से छलांग लगाकर 77वां स्थान प्राप्त किया है। इस सुधार के बावजूद भारत अभी भी जापान, सिंगापुर, फ्रांस, जर्मनी जैसे देशों से काफी पीछे है, जिनके पासपोर्ट धारकों को 190 से अधिक देशों में वीज़ा-मुक्त या वीज़ा-ऑन-अराइवल सुविधा मिलती है। भारत की स्थिति में सुधार तो हुआ है, लेकिन वैश्विक गतिशीलता में अभी भी एक लंबा सफर तय करना बाकी है।
Henley Passport Index 2025: शीर्ष रैंकिंग वाले देश

2025 की सूची में सिंगापुर पहले स्थान पर है और इसके नागरिकों को 193 देशों में वीज़ा-फ्री या ऑन-अराइवल वीज़ा की सुविधा प्राप्त है। इसके बाद जापान और दक्षिण कोरिया को 190 देशों में यह सुविधा प्राप्त है। फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन, डेनमार्क और फिनलैंड जैसे यूरोपीय देश भी 189 गंतव्यों तक वीज़ा-मुक्त यात्रा की सुविधा देते हैं। अमेरिका इस सूची में 10वें स्थान पर है, जबकि यूनाइटेड किंगडम 6वें स्थान पर पहुंच गया है। भारत अभी 77वें स्थान पर है, लेकिन यह अब पाकिस्तान, बांग्लादेश और कई अफ्रीकी देशों से ऊपर रैंक करता है।
नागरिकों के लिए सुविधाएं और लाभ
रैंकिंग में सुधार के साथ अब भारतीय नागरिकों के लिए विदेश यात्रा और अधिक सरल हो गई है। न सिर्फ पर्यटक, बल्कि विद्यार्थी, व्यवसायी और चिकित्सा के लिए यात्रा करने वाले भी अब वीज़ा प्रक्रियाओं से काफी हद तक मुक्त हो रहे हैं। इससे समय, पैसा और मानसिक श्रम की बचत होती है। इसके अलावा, वीज़ा न मिलने के कारण आने वाली बाधाएं अब काफी हद तक कम हो रही हैं।
निष्कर्ष
Henley Passport Index 2025 में भारत की छलांग एक ऐतिहासिक क्षण है। यह न केवल भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव को दर्शाता है, बल्कि यह आम नागरिकों के लिए एक बहुत बड़ी सुविधा भी है। अब भारतीयों को पहले से अधिक देशों में आसानी से यात्रा करने की सुविधा प्राप्त है। हालांकि भारत को अभी भी शीर्ष देशों की श्रेणी में आने के लिए कई सुधारात्मक कदम उठाने होंगे, लेकिन यह छलांग सही दिशा में एक मजबूत शुरुआत है।