भारत में वायु प्रदूषण की स्थिति लंबे समय से चिंता का विषय बनी हुई है। हाल ही में ऊर्जा एवं स्वच्छ वायु अनुसंधान केन्द्र ने (CREA) रिपोर्ट 2025 जारी की हैं इस रिपोर्ट ने इस चिंता को और गहरा कर दिया है। साल 2025 की पहली छमाही में देश के 293 शहरों की वायु गुणवत्ता का विश्लेषण कर यह रिपोर्ट तैयार की गई है, जिसमें सबसे अधिक और सबसे कम प्रदूषित शहरों की पहचान की गई है।
यह रिपोर्ट न सिर्फ देश में वायु प्रदूषण की गंभीरता को दर्शाती है, बल्कि उन शहरों की पहचान भी करती है जो वायु गुणवत्ता सुधार की दिशा में उल्लेखनीय प्रयास कर रहे हैं।
Table of Contents
CREA रिपोर्ट 2025 के मुख्य बिंदु
दिल्ली देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर
मेघालय का बर्नीहाट प्रदूषित शहरों में पहले स्थान पर
मिज़ोरम की राजधानी आइज़ॉल देश का सबसे स्वच्छ शहर
122 शहरों ने वार्षिक राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मानक (40 μg/m³) को पार किया
117 शहर सुरक्षित सीमा के भीतर
259 शहर केवल जून महीने तक ही सुरक्षित रहे
PM 2.5 क्या है और क्यों है खतरनाक?
पीएम 2.5 (PM 2.5) वे सूक्ष्म कण होते हैं जिनका आकार 2.5 माइक्रोमीटर या उससे भी कम होता है। ये कण श्वसन तंत्र के माध्यम से फेफड़ों की गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं और रक्त प्रवाह में मिल सकते हैं। इससे दमा, हृदय रोग, और सांस की बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
भारत में राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मानक (NAAQS) के अनुसार, PM 2.5 की सुरक्षित सीमा 40 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर (μg/m³) मानी गई है। लेकिन CREA की रिपोर्ट से पता चलता है कि कई शहर इस सीमा से बहुत ऊपर हैं।
CREA रिपोर्ट 2025 भारत के 10 सबसे प्रदूषित शहर (2025 की पहली छमाही में)
CREA की रिपोर्ट के अनुसार, निम्नलिखित शहर देश के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हुए
क्रम | शहर | राज्य | औसत PM 2.5 स्तर (μg/m³) |
1 | बर्नीहाट | मेघालय | 133 |
2 | दिल्ली | दिल्ली | 87 |
3 | हाजीपुर | बिहार | ~85 |
4 | गाज़ियाबाद | उत्तर प्रदेश | ~78+ |
5 | गुरुग्राम | हरियाणा | ~74 |
6 | सासाराम | बिहार | ~69+ |
7 | पटना | बिहार | ~68+ |
8 | राजगीर | बिहार | ~68+ |
9 | तालचेर | ओडिशा | ~68+ |
10 | राउरकेल | ओड़िशा | ~65+ |
निगरानी और डाटा स्रोत

इस अध्ययन के लिए डाटा का स्रोत रहा है:क्लाइमेट एनर्जी रिसर्च एनालिटिक्स (CREA) द्वारा एकत्र किया गया CAAQMS (Continuous Ambient Air Quality Monitoring System) डाटा, जो 293 शहरों में वायु गुणवत्ता की निगरानी करता है।
रिपोर्ट में निम्नलिखित तथ्य सामने आए हैं।
122 शहरों में वायु गुणवत्ता मानक 40 μg/m³ से ऊपर रही।
117 शहर अब भी सुरक्षित सीमा के भीतर हैं।
259 शहरों ने वर्ष के केवल जून महीने तक ही सुरक्षित सीमा पार कर ली, जिससे संकेत मिलता है कि वे वर्षभर असुरक्षित रह सकते हैं।
CREA रिपोर्ट 2025 भारत के सबसे स्वच्छ शहर 2025
इस रिपोर्ट में कुछ शहरों ने वायु गुणवत्ता सुधार के क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। विशेष रूप से मिज़ोरम की राजधानी आइज़ॉल देश का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया।
क्रम | शहर | राज्य | औसत PM 2.5 स्तर (μg/m³) |
1 | आइज़ॉल | मिजोरम | ~8 |
2 | तिरुपुर | तमिलनाडु | ~15 |
3 | तिरुनेलवेली | तमिलनाडु | ~15 |
4 | बरेली | उत्तर प्रदेश | ~16 |
5 | वृंदावन | उत्तर प्रदेश | ~16 |
6 | महेर | मध्यप्रदेश | ~17 |
7 | इंफाल | मणिपुर | ~18 |
🌿 आइज़ॉल का PM 2.5 स्तर WHO के मानक (5 μg/m³) से थोड़ा ही अधिक है, जो कि बेहद सराहनीय है।
विश्लेषण से मिली अहम जानकारियाँ
केवल 98 शहरों में ही CAAQMS स्टेशनों की स्थापना हुई है।NCAP (National Clean Air Programme) के तहत 131 शहरों की निगरानी की जा रही है।
रिपोर्ट बताती है कि कई शहर अभी भी पूरे साल असुरक्षित सीमा में रह सकते हैं, जो जनस्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
पीएम 2.5 के लंबे समय तक संपर्क में आने से निम्नलिखित बीमारियाँ हो सकती हैं:
1. दमा (Asthma)
2. हृदय रोग (Heart Diseases)
3. फेफड़े का कैंसर (Lung Cancer)
4. ब्रोंकाइटिस (Bronchitis)
5. समय से पहले मृत्यु
निष्कर्ष
CREA की रिपोर्ट भारत की वायु गुणवत्ता की स्थिति को लेकर एक स्पष्ट और गंभीर तस्वीर प्रस्तुत करती है। दिल्ली जैसे महानगरों की स्थिति चिंताजनक है, जबकि आइज़ॉल जैसे छोटे शहरों से प्रेरणा लेने की जरूरत है।
यह रिपोर्ट न केवल सरकारों और नीतिनिर्माताओं के लिए चेतावनी है, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी एक जिम्मेदारी का संदेश है कि स्वच्छ हवा एक बुनियादी अधिकार है और इसकी रक्षा हम सभी की जिम्मेदारी है।