प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 जुलाई 2025 को घाना की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा की, जो पिछले 30 वर्षों में किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली आधिकारिक यात्रा रही। इस यात्रा के दौरान उन्हें घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा द्वारा घाना के सर्वोच्च नागरिक सम्मान “ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना” से नवाज़ा गया। यह सम्मान प्रधानमंत्री मोदी के वैश्विक कूटनीतिक नेतृत्व, दक्षिण-दक्षिण सहयोग और भारत-घाना द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने के प्रयासों के लिए दिया गया।
इस ऐतिहासिक दौरे ने न केवल भारत-घाना रिश्तों को नई ऊंचाई पर पहुंचाया, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, व्यापार और डिजिटल भुगतान जैसे क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण समझौते और घोषणाएँ भी की गईं।
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खबरों में क्यों?
यह दौरा इसलिए महत्वपूर्ण रहा क्योंकि पीएम मोदी को घाना का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 3 जुलाई 2025 को घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा द्वारा प्रदान किया गया, जो उनकी पहली राजकीय यात्रा के दौरान हुआ।
यह सम्मान भारत की ऐतिहासिक विरासत, सांस्कृतिक विविधता और साझा लोकतांत्रिक मूल्यों को समर्पित किया गया।
इस यात्रा से भारत और घाना के बीच व्यापार, स्वास्थ्य, शिक्षा और डिजिटल कनेक्टिविटी के क्षेत्रों में सहयोग और भी गहरा हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा का महत्व:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 जुलाई को घाना की यात्रा पर अकरा हवाई अड्डे पहुंचे और वहां राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा के द्वारा उनका सम्मान के साथ औपचारिक स्वागत किया गया।
पीएम मोदी पिछले 30 वर्षों में घाना यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने।
यह दौरा भारत की अफ्रीका नीति और वैश्विक दक्षिण (Global South) में नेतृत्व को मज़बूत करता है।
इस यात्रा ने पंडित नेहरू और न्क्रूमा द्वारा स्थापित ऐतिहासिक रिश्तों को फिर से सशक्त किया।
साझा लोकतांत्रिक आदर्शों और विकास लक्ष्यों के आधार पर सहयोग को नई दिशा मिली।
“ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना” सम्मान का महत्व
सम्मान का नाम:
ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना
प्रदान किया गया:
घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा द्वारा
सम्मान मिलने का कारण:
प्रधानमंत्री मोदी का वैश्विक राजनयिक नेतृत्व
दक्षिण-दक्षिण सहयोग को बढ़ावा देना
भारत-घाना द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करनाऐतिहासिक और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता
घाना की संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहीं ये बड़ी बातें!
- भारत और घाना दोनों देश समावेश विकास की ओर
- मैं घाना के सर्वोच्च सम्मान के लिए भारतीयों की और से घाना का आभार व्यक्त करता हूं।
- लोकतंत्र हमारे लिए सिस्टम नहीं संस्कार है ।
- आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन दुनिया के लिए बड़ी समस्या है।
- घाना में बीते कुछ साल से तेज़ी से विकास हुआ है।
- हम जल्द ही तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होगे।
- घाना एक ऐसा देश है जो साहस के साथ खड़ा है।
- हमारा मंत्र “सबका साथ सबका वकास”
प्रमुख समझौते और घोषणाएं
1. शिक्षा और युवा विकास:
ITEC और ICCR छात्रवृत्ति की संख्या को दोगुना किया जाएगा, जिससे अधिक घानाई छात्रों को भारत में शिक्षा का अवसर मिलेगा।
व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए घाना में एक कौशल विकास केंद्र स्थापित किया जाएगा।
2. कृषि और खाद्य सुरक्षा:
भारत ने “फीड घाना कार्यक्रम” को समर्थन देने का वादा किया।कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए विशेषज्ञता और संसाधनों का आदान-प्रदान किया जाएगा।
3. स्वास्थ्य सेवा:
घाना में जन औषधि केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव, जिससे सस्ती जेनेरिक दवाइयाँ उपलब्ध कराई जा सकेंगी।टीका उत्पादन सहयोग पर भी चर्चा की गई।
4. डिजिटल और वित्तीय एकीकरण:
भारत घाना को यूपीआई आधारित डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म प्रदान करेगा।इससे वित्तीय समावेशन और डिजिटल सेवाओं के विस्तार में वृद्धि होगी।
5. व्यापार संबंध:
दोनों देशों ने नए व्यापार और निवेश के अवसरों की पहचान की।अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने पर सहमति बनी।
इस यात्रा के प्रभाव
1. भारत-अफ्रीका नीति को मजबूती:पीएम मोदी की घाना यात्रा ने भारत की अफ्रीकी नीति को और भी सुदृढ़ कर दिया है। यह दौरा स्पष्ट संकेत देता है कि भारत अब ग्लोबल साउथ की समस्याओं और विकास जरूरतों को प्राथमिकता दे रहा है।
2. डिजिटल इंडिया का विस्तार:यूपीआई आधारित डिजिटल भुगतान प्रणाली को घाना में स्थापित करना भारत की डिजिटल डिप्लोमेसी की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह भारत को एक टेक्नोलॉजी प्रदाता राष्ट्र के रूप में प्रस्तुत करता है।
3. स्वास्थ्य और शिक्षा में भारत की छवि:जन औषधि केंद्र और छात्रवृत्तियों के ज़रिए भारत ने स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में एक भरोसेमंद भागीदार की छवि बनाई है।
4. व्यापारिक संभावनाएं:घाना में निवेश और व्यापार के नए अवसर खुलेंगे, जिससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाएं लाभान्वित होंगी। यह दौरा भारत के “Act Africa” विज़न को भी आगे बढ़ाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी
(PIB अनुवाद अनुसार)
“राष्ट्रपति द्वारा घाना के राष्ट्रीय पुरस्कार ‘द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से सम्मानित होने पर मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूँ।
मैं इस सम्मान को 140 करोड़ भारतीयों की ओर से विनम्रतापूर्वक स्वीकार करता हूँ।
यह सम्मान हमारे युवाओं की आकांक्षाओं, उज्ज्वल भविष्य और भारत व घाना के बीच स्थायी ऐतिहासिक संबंधों को समर्पित है।”
ऐतिहासिक दृष्टिकोण:
भारत और घाना के संबंध 1957 से ही सौहार्द्रपूर्ण रहे हैं। भारत घाना की स्वतंत्रता को मान्यता देने वाला पहला देश था। पंडित नेहरू और क्वामे न्क्रूमा के बीच गहरे संबंधों ने दोनों देशों की नीतियों को दशकों तक एकजुट रखा।
प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा ने उसी ऐतिहासिक दोस्ती को 21वीं सदी में नया आयाम दिया है।
भविष्य की संभावनाएँ
घाना में भारतीय निवेश बढ़ने की पूरी संभावना है, खासकर कृषि और फार्मा सेक्टर में।
भारत की डिजिटल टेक्नोलॉजी, विशेष रूप से UPI और आधार आधारित सिस्टम, को अफ्रीकी देशों में अपनाया जा सकता है।शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में दीर्घकालिक साझेदारी स्थापित हो सकती है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घाना यात्रा एक राजनयिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत सफल रही। यह यात्रा न केवल दोनों देशों के रिश्तों को प्रगाढ़ बनाएगी, बल्कि भारत को वैश्विक दक्षिण में एक जिम्मेदार, भरोसेमंद और अग्रणी भागीदार के रूप में भी स्थापित करेगी।
यह सम्मान भारतीय कूटनीति, सांस्कृतिक धरोहर और साझा विकास के मूल्यों का प्रतीक है। आने वाले वर्षों में यह यात्रा दोनों देशों के लिए साझा समृद्धि और प्रगति की ओर एक बड़ा कदम सिद्ध होगी।