17th BRICS Summit 2025: वैश्विक शांति, आर्थिक सहयोग और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की नई दिशा

ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में 6-7 जुलाई को 17th BRICS Summit का आयोजन किया जा रहा हैं। 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2025 की थीम है, ‘अधिक समावेशी और टिकाऊ शासन के लिए वैश्विक दक्षिण सहयोग को मज़बूत करना’ ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2025 की मेजबानी ब्राजील के द्वारा की जा रही हैं। जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी रियो डी जेनेरियो पहुंचे।

PM नरेंद्र मोदी और ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा BRICS 2025
पीएम नरेंद्र मोदी और ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा BRICS 2025. photo/X

जहां पर उनका स्वागत ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा ने किया ।

पीएम मोदी की ब्राजील की चौथी यात्रा है । बता दे कि इस बार 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में रूस और चीन के राष्ट्रपति उपस्थित नहीं रहेंगे। गौरतलब हैं कि 18वें ब्रिक्स सम्मेलन की मेजबानी भारत करेगा।

ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2025 ने वैश्विक राजनीति, सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और बहुपक्षीय संस्थाओं के पुनर्गठन को लेकर कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन के विभिन्न सत्रों में भाग लेते हुए आतंकवाद, वैश्विक शांति, भाईचारा और विकास पर भारत की प्रतिबद्धता को मुखर रूप से रखा।

17th BRICS Summit में प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन

BRICS Summit 2025. photo:X

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में ब्रिक्स मंच पर कहा,

> “ब्रिक्स आर्थिक सहयोग और वैश्विक भलाई के लिए एक शक्तिशाली ताकत बन चुका है।

”उन्होंने ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा का सम्मेलन की सफल मेजबानी के लिए आभार प्रकट किया और कहा कि ब्रिक्स देश वैश्विक आर्थिक स्थिरता और बहुपक्षीय व्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

17th BRICS Summit मंच पर आतंकवाद पर भारत का कड़ा रुख

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने वक्तव्य में आतंकवाद के खिलाफ बिना किसी हिचक के प्रतिबंध लगाने की अपील की। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा:

> “आतंकवाद के पीड़ितों और समर्थकों को एक ही तराजू पर नहीं तोला जा सकता। आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

”उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ मौन समर्थन या राजनीतिक लाभ के लिए सहमति देना, मानवता के साथ विश्वासघात है। – द-हिंदू

पहलगाम आतंकी हमले की गूंज ब्रिक्स में

22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम (कश्मीर) में हुए आतंकी हमले की भारत द्वारा गंभीर निंदा की गई थी। यह हमला सम्मेलन के केंद्र बिंदु में रहा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा:

> “यह हमला केवल भारत पर नहीं, बल्कि पूरी मानवता पर एक सीधा आघात है।”ब्रिक्स नेताओं ने भी इस आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और सीमा पार आतंकवाद से निपटने के लिए प्रतिबद्धता दोहराई।

क्या है ? BRICS

BRICS एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसमें पाँच प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाएं – ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।

वर्ष 2006 में BRIC विदेश मंत्रियों की पहली बैठक के दौरान इसे सितंबर 2006 में औपचारिक रूप दिया गया था। दक्षिण अफ्रीका सितंबर 2010 में शामिल हुआ। इसका गठन वैश्विक दक्षिण के देशों के बीच आर्थिक सहयोग, विकास, व्यापार और बहुपक्षीय साझेदारी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया था। BRICS दुनिया की बड़ी जनसंख्या, विशाल संसाधनों और तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं का प्रतिनिधित्व करता है, जो वैश्विक सत्ता संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

2024 में इंडोनेशिया जैसे नए सदस्यों के शामिल होने से यह संगठन और भी अधिक प्रभावशाली बन गया है। इंडोनेशिया ब्रिक्स के सदस्यों देशों में शामिल हो गया है।

  • वर्ष 2006 में BRIC विदेश मंत्रियों की पहली बैठक के दौरान इस समूह को औपचारिक रूप दिया गया था। तब इसका नाम BRIC (ब्राजील, रूस, इंडिया, चीन)
  • 2009 में ब्रिक्स के सदस्य देश भारत, ब्राजील,रूस,चीन
  • 2010 में रूस में हुए पहले शिखर सम्मेलन में साउथ अफ्रीका को इसमें शामिल कर लिया गया तब इसका नाम BRICS (ब्राजील, रूस, इंडिया, चीन और साउथ अफ्रीका) हुआ।
  • 2024 में रूस में आयोजित 16वें शिखर सम्मेलन में 4 देशों इथोपिया, ईरान, मिस्र , सऊदी अरब और UAE को 1 जनवरी, 2024 से पूर्ण सदस्य बनने के लिये आमंत्रित किया गया था।
  • 2025 में इंडोनेशिया को शामिल किया गया।

शांति और भाईचारे पर भारत का संदेश

17th BRICS Summit 2025
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2025- तस्वीर: X/@narederamodi

प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मेलन के ‘शांति एवं वैश्विक शासन सुधार’ विषय पर आयोजित सत्र में भाग लेते हुए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा

> “भारत शांति और भाईचारे में विश्वास रखता है। यही हमारे साझा हितों और भविष्य की नींव हैं।

”भारत ने स्पष्ट किया कि युद्ध और सैन्य संघर्षों से मानवता को बचाने के लिए वैश्विक एकता अत्यंत आवश्यक है।

20वीं सदी की वैश्विक संस्थाएं और 21वीं सदी की चुनौतियाँ

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर चिंता जताई कि 20वीं सदी की वैश्विक संस्थाओं में आज भी मानवता के दो-तिहाई लोगों को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। उन्होंने कहा:

> “21वीं सदी की वास्तविकताओं के अनुरूप इन संस्थाओं का पुनर्गठन होना चाहिए।

”यह बयान वैश्विक बहुपक्षीय संस्थाओं जैसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत जैसे देशों को स्थायी सदस्यता देने की पुरानी मांग को फिर से उजागर करता है।

17th BRICS Summit में ट्रंप के टैरिफ नीति पर निशाना

ब्रिक्स नेताओं ने संयुक्त रूप से अमेरिका की एकतरफा व्यापार नीतियों, विशेष रूप से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ (आयात शुल्क) की आलोचना की। उन्होंने कहा:

> “ऐसे ‘अंधाधुंध टैरिफ’ वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाते हैं।

”ब्रिक्स ने ‘एकतरफा टैरिफ और गैर-टैरिफ उपायों’ की बढ़ोतरी पर गंभीर चिंता जताई और इसे अवैध और मनमाना करार दिया।- पीटीआई

सीमा पार आतंकवाद पर ब्रिक्स की एकजुटता

ब्रिक्स के संयुक्त घोषणापत्र में आतंकवाद, विशेषकर सीमा पार आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाया गया। घोषणापत्र में कहा गया:

> “सीमा पार आतंकवाद के विरुद्ध व्यापक सहयोग को प्राथमिकता दी जाएगी।

”ब्रिक्स नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर एक वैश्विक सम्मेलन आयोजित करने की अपील भी की।

भारत की चिंता और ब्रिक्स का समर्थन

भारत की प्रमुख चिंताओं को ब्रिक्स घोषणापत्र में स्थान दिया गया, जिनमें शामिल थे:

पहलगाम हमले की निंदा

वैश्विक आतंकवाद के विरुद्ध ठोस कदम

बहुपक्षीय प्रतिनिधित्व की आवश्यकता

शांति व भाईचारे की वैश्विक अपील

निष्कर्ष: भविष्य की राह

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2025 न केवल भारत की विदेश नीति का सशक्त मंच बना, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की आवाज को और मजबूत करता है। आतंकवाद, वैश्विक असमानता, प्रतिनिधित्व, और आर्थिक संरक्षणवाद जैसे मुद्दों पर भारत के नेतृत्व ने एक संतुलित, निर्णायक और स्पष्ट रुख प्रस्तुत किया।इस सम्मेलन के माध्यम से यह स्पष्ट हुआ कि ब्रिक्स जैसे संगठन वैश्विक शक्ति संतुलन और न्यायपूर्ण विश्व व्यवस्था की दिशा में एक सार्थक प्रयास कर रहे हैं।

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