CBSE बोर्ड 2026 नई व्यवस्था
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) बोर्ड 2026 से कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा प्रणाली में एक ऐतिहासिक बदलाव की घोषणा की है। अब छात्रों को साल में एक नहीं, बल्कि दो बार बोर्ड परीक्षाएं देने का अवसर मिलेगा। यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों के अनुरूप लिया गया है, जिसमें छात्रों को अधिक लचीलापन, व्यापक मूल्यांकन, और सीखने की प्रक्रिया में सुधार लाने का उद्देश्य रखा गया है।
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25 जून 2025 को सीबीएसई द्वारा जारी आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, यह नई CBSE बोर्ड 2026 परीक्षा प्रणाली छात्रों के शैक्षणिक विकास, मूल्यांकन प्रक्रिया की पारदर्शिता और समग्र ज्ञान को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। आइए इस ब्लॉग में विस्तार से जानते हैं CBSE बोर्ड 2026 कि यह नई व्यवस्था क्या है, इसमें क्या बदलाव आए हैं, और छात्रों व स्कूलों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।
CBSE बोर्ड 2026 नई परीक्षा प्रणाली का उद्देश्य
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुच्छेद 4.37 के अनुसार, हाई स्टेक (High Stake) परीक्षा प्रणाली को सुधारने की आवश्यकता बताई गई थी। इस नई प्रणाली का उद्देश्य है कि परीक्षा एक तनावपूर्ण गतिविधि की बजाय सीखने का सहज हिस्सा बने।
पैरा 4.38 के अनुसार, परीक्षा की प्रणाली को ऐसा बनाया जाएगा जिसमें छात्रों को विकल्प, लचीलापन और एक से अधिक अवसर मिलें। इसके तहत बोर्ड परीक्षा को दो भागों में विभाजित किया गया है – पहली परीक्षा और दूसरी परीक्षा। छात्र दोनों परीक्षाओं में भाग ले सकेंगे और उनके सर्वश्रेष्ठ अंकों को अंतिम परिणाम में शामिल किया जाएगा।
सीबीएसई द्वारा लिए गए प्रमुख निर्णय
1.दो बोर्ड परीक्षाओं की योजना
) सामान्य वर्ग के लिए:
कक्षा 10 के सभी छात्रों को पहली बोर्ड परीक्षा में शामिल होना अनिवार्य होगा।
यदि कोई छात्र 3 या अधिक विषयों में पहली परीक्षा में सम्मिलित नहीं होता है, तो वह दूसरी परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेगा।
ऐसे छात्र “आवश्यक पुनरावृत्ति” की श्रेणी में रखे जाएंगे और उन्हें अगली फरवरी में ही परीक्षा देने का अवसर मिलेगा।
पहली परीक्षा में सम्मिलित छात्रों को दूसरी परीक्षा में सुधार के लिए अवसर मिलेगा।
(ii) विशेष श्रेणी के लिए योजना
केवल उन्हीं विषयों में दूसरी परीक्षा की अनुमति दी जाएगी, जिनकी पहली परीक्षा पहले आयोजित की जा चुकी हो।
विषयों का चयन छात्र स्वयं कर सकते हैं – या तो वही विषय जो पहले चुने थे, या अन्य विकल्प।
सुधार हेतु सभी प्रकार की सुविधाएं दूसरी परीक्षा में भी दी जाएंगी
2.आंतरिक मूल्यांकन
मुख्य परीक्षा से पहले आंतरिक मूल्यांकन अनिवार्य रूप से किया जाएगा।
यह मूल्यांकन परीक्षा कार्यक्रम के अनुसार ही होगा।
3.परीक्षाओं में बैठने के लिए पात्रता मानदंड
प्रथम परीक्षा:
सभी नए छात्र, आवश्यक पुनरावृत्ति वाले छात्र, कक्षा दोहराने वाले, सुधार परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए अनिवार्य।
द्वितीय परीक्षा:
प्रथम परीक्षा में सम्मिलित छात्र।पुनरावृत्ति करने वाले।
कंपार्टमेंट या सुधार की श्रेणी में शामिल छात्र।
4.CBSE बोर्ड 2026 पाठ्यक्रम और परीक्षा योजना
दोनों परीक्षाओं के लिए एक समान पूर्ण पाठ्यक्रम होगा।
परीक्षा की योजना एवं अध्ययन योजना में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
5.परीक्षा फॉर्म और एलओसी (List of Candidates)
एलओसी भरना और मुख्य/प्रथम परीक्षा में उपस्थिति अनिवार्य होगी।
दूसरी परीक्षा के लिए नया नाम या एलओसी की दोबारा प्रविष्टि नहीं की जाएगी।
विषय परिवर्तन की अनुमति नहीं होगी।
6.परिणाम की घोषणा
परीक्षा के सभी परिणाम निर्धारित मानदंडों के अनुसार प्रकाशित किए जाएंगे।
पहली परीक्षा का परिणाम अप्रैल में और दूसरी परीक्षा का परिणाम जून में आएगा।
छात्र के सर्वश्रेष्ठ अंकों को अंतिम परिणाम में सम्मिलित किया जाएगा।
7.कक्षा XI में प्रवेश नीति
जो छात्र मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं होंगे उन्हें कक्षा 11 में “अस्थायी प्रवेश” मिलेगा।
दूसरी परीक्षा के बाद उनके परिणाम के आधार पर प्रवेश की पुष्टि की जाएगी।
8.स्कूलों के लिए विशेष निर्देश
सभी स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि वे 2025-26 सत्र से इस नई परीक्षा योजना को ध्यान में रखकर अपनी शैक्षणिक योजना बनाएं।
छात्रों द्वारा चुने गए विषयों की सही जानकारी और समय पर डेटा अपलोडिंग अनिवार्य होगी।
किसी भी प्रकार की लापरवाही या देरी की स्थिति में छात्र की परीक्षा में सम्मिलित होने की पात्रता पर असर पड़ सकता है।
निष्कर्ष:
सीबीएसई की यह नई दो बोर्ड परीक्षा प्रणाली एक क्रांतिकारी बदलाव है जो छात्रों को अतिरिक्त अवसर, कम तनाव और बेहतर सीखने का अनुभव प्रदान करेगी। यह नीति छात्रों के समग्र विकास को केंद्र में रखती है और उन्हें सीखने की प्रक्रिया में अधिक लचीलापन प्रदान करती है।
अब छात्रों के पास यह अवसर होगा कि यदि वे पहली परीक्षा में अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाते, तो दूसरी परीक्षा में सुधार कर सकते हैं। साथ ही, स्कूलों को भी अपनी तैयारी और योजना को इस नई व्यवस्था के अनुरूप ढालना होगा।
यह नई परीक्षा प्रणाली न केवल छात्रों के प्रदर्शन को बेहतर बनाएगी, बल्कि शिक्षा प्रणाली को भी अधिक समावेशी, पारदर्शी और प्रभावी बनाएगी।
यदि आप भी एक छात्र, अभिभावक या शिक्षक हैं, तो इस नई व्यवस्था को समझना और अपनाना आज से ही शुरू करें। यह बदलाव एक नए भारत की नई शिक्षा व्यवस्था की ओर एक बड़ा कदम है।