UK Universities अब भारत में: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान शिक्षा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल की गई। इस पहल के तहत ब्रिटेन की 6 शीर्ष रैंकिंग वाली यूनिवर्सिटी भारत में अपने कैंपस स्थापित करने जा रही हैं। यह न केवल भारत की नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के उद्देश्यों को मजबूती देता है बल्कि भारत-ब्रिटेन के रिश्तों को एक नई ऊंचाई तक ले जाता है। इस पहल से भारत को एक वैश्विक शिक्षा केंद्र (Global Education Hub) के रूप में स्थापित करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
कौन-कौन सी UK Universities खुलेगी भारत में कैंपस?
ब्रिटेन की निम्नलिखित 6 प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज़ भारत में अपने कैंपस खोलने जा रही हैं:
1. साउथैम्पटन यूनिवर्सिटी – गुरुग्राम में कैंपस की शुरुआत
2. लिवरपूल यूनिवर्सिटी – बेंगलुरु में कैंपस 2026-27 से
3. यॉर्क यूनिवर्सिटी – मुंबई में कैंपस की तैयारी
4. एबरडीन यूनिवर्सिटी – मुंबई में बातचीत जारी
5. ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी – मुंबई कैंपस पर चर्चा
6. एक्सेटर यूनिवर्सिटी – संभावित विस्तार की योजना
इन सभी विश्वविद्यालयों के कैंपस भारत में STEM (Science, Technology, Engineering, Mathematics) और प्रबंधन (Management) जैसे विषयों पर विशेष ध्यान देंगे।
UK Universities की गुरुग्राम से हुई ऐतिहासिक शुरुआत
ब्रिटेन की साउथैम्पटन यूनिवर्सिटी ने भारत में सबसे पहले कदम रखते हुए गुरुग्राम में अपना कैंपस खोल दिया है। यह कैंपस इंटरनेशनल टेक पार्क में स्थित है। यह विश्वविद्यालय अब भारत में औपचारिक रूप से शाखा खोलने वाला पहला विदेशी विश्वविद्यालय बन चुका है।
कैंपस में चार स्नातक (BSc) और दो मास्टर्स (MSc) प्रोग्राम शुरू किए गए हैं। सभी कोर्स यूके के समान पाठ्यक्रम और डिग्री के साथ होंगे। और छात्रों को ब्रिटेन या मलेशिया में एक वर्ष तक अध्ययन करने का विकल्प भी मिलेगा।
पीएम मोदी की ब्रिटेन यात्रा: शिक्षा में नया अध्याय

ब्रिटेन में पीएम नरेंद्र मोदी ने ग्लोबल एजुकेशन हब के तौर पर भारत की महत्वाकांक्षा दोहराई। उन्होंने कहा:
> “आज हमारे संबंधों में एक ऐतिहासिक दिन है। शिक्षा के क्षेत्र में हम मिलकर एक नया अध्याय लिख रहे हैं।”
इस दौरे के दौरान भारत और ब्रिटेन के बीच शिक्षा साझेदारी के अलावा Free Trade Agreement (FTA) पर भी सहमति बनी। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार $34 बिलियन प्रतिवर्ष तक पहुंचने की संभावना है।
क्या होगा छात्रों को लाभ?
विदेशी विश्वविद्यालयों के भारत में कैंपस खोलने से छात्रों को निम्नलिखित फायदे मिलेंगे:
- विश्व स्तरीय शिक्षा भारत में ही उपलब्ध होगी।
- कम खर्च में उच्च गुणवत्ता वाली डिग्री मिल सकेगी।
- विदेश जाने की ज़रूरत नहीं, फिर भी ग्लोबल नेटवर्क और एक्सपोजर मिलेगा।
- इंटर्नशिप और प्लेसमेंट के बेहतर अवसर भारत में ही होंगे
- छात्र विदेश में एक वर्ष तक पढ़ाई का अनुभव भी ले सकेंगे।
बेंगलुरु में UK Universities का अगला कैंपस: लिवरपूल यूनिवर्सिटी
यूजीसी ने लिवरपूल यूनिवर्सिटी को बेंगलुरु में कैंपस खोलने की अनुमति दे दी है। यह विश्वविद्यालय 2026-27 के शैक्षणिक सत्र से छात्रों को नामांकित करना शुरू करेगा। यह रसेल ग्रुप का दूसरा विश्वविद्यालय होगा जो भारत में कैंपस खोलेगा। और साथ ही लिवरपूल यूनिवर्सिटी ने यूजीसी से मान्यता प्राप्त कर ली है।
800 में से 200 छात्रों को मिला प्रवेश
साउथैम्पटन का पहला बैच: साउथैम्पटन यूनिवर्सिटी को 800 से अधिक छात्रों से आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें से पहले बैच में लगभग 200 छात्रों को प्रवेश दिया गया है। साथ ही 75 से अधिक फैकल्टी सदस्यों की नियुक्ति की जा रही है।
2023 यूजीसी नियमों का प्रभाव
2023 में भारत की यूजीसी (UGC) द्वारा लागू किए गए नए नियमों के अनुसार:अब शीर्ष रैंकिंग वाले अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों को भारत में स्वतंत्र कैंपस स्थापित करने की अनुमति है। इससे वैश्विक शैक्षणिक मानकों को भारत में लागू करने में सहायता मिलेगी। और भारत के छात्र विश्व स्तरीय शिक्षा को अपने देश में ही प्राप्त कर सकेंगे।
निष्कर्ष
शिक्षा की ग्लोबल क्रांति में भारत की भूमिकाब्रिटेन के शीर्ष विश्वविद्यालयों का भारत में कैंपस खोलना न केवल भारत के शिक्षा क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक परिवर्तन है, बल्कि यह भारत की ग्लोबल एजुकेशन हब बनने की दिशा में एक ठोस कदम है।यह पहल नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के विज़न के अनुरूप है और इससे आने वाले वर्षों में भारत में उच्च शिक्षा के मानकों में जबरदस्त सुधार देखने को मिलेगा।