India-UK FTA 2025: सस्ती हो जाएगी ब्रिटिश जगुआर, लैंड रोवर. जैसी लग्ज़री कारें। ओर क्या होगा सस्ता, जाने हिंदी में

India-UK FTA 2025: 24 जुलाई 2025 को भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) के बीच एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौता (FTA) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूके के प्रधानमंत्री किर स्टारमर दोनों प्रधानमंत्रियों की उपस्थिति में Free Trade Agreement (FTA) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और उनके ब्रिटिश समकक्ष जोनाथन रेनॉल्ड्स ने 24 जुलाई, 2025 को हस्ताक्षर किए हैं।

India-UK FTA 2025 - भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश पीएम के स्टारमर की तस्वीर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूके के प्रधानमंत्री किर स्टारमर की उपस्थिति में FTA समझौते पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और उनके ब्रिटिश समकक्ष जोनाथन रेनॉल्ड्स ने हस्ताक्षर किए।

यह समझौता दोनों देशों के बीच व्यापारिक, आर्थिक और औद्योगिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाला कदम है। और FTA आधार पर इंडिया को ब्रिटेन के निर्यात पर टैरिफ 15% से घटकर 3% हो जाएगा, जिससे भारतीयों के लिए सस्ता माल उपलब्ध होगा।

India-UK FTA समझौते की पृष्ठभूमि

इस समझौते पर बातचीत जनवरी 2022 में पीएम नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉन बॉरिस के बीच शुरू हुई थी और यह भी सुनिश्चित किया गया था कि वर्ष 2024 तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। अब तीन वर्षों तक चली कूटनीतिक बैठकों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूके के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर की उपस्थिति में इसे जुलाई 2025 में अंतिम रूप दिया गया। यह अब तक का सबसे व्यापक भारत-यूके द्विपक्षीय व्यापार समझौता है। इस समझौते को 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार वर्तमान 56 अरब डॉलर के स्तर से दोगुना करने का लक्ष्य है। यानी 120 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

इस समझौते का महत्व:

  • यूके को होने वाले 99% भारतीय निर्यात पर शुल्क समाप्त।
  • यूके से आयातित स्कॉच व्हिस्की, लज़्ज़री कार, चॉकलेट, मेडिकल डिवाइसेज़ सस्ते।
  • MSMEs, उद्योगों और स्टार्टअप्स को मिलेगा नया बाज़ार।
  • अनुमानित रूप से यह यूके की GDP में $6.5 बिलियन सालाना की बढ़ोतरी करेगा।
  • 2030 तक भारत से यूके को होने वाले निर्यात को दोगुना करने का लक्ष्य।

India-UK FTA के प्रमुख उद्देश्य

1. वस्तुओं और सेवाओं तक आसान और किफायती पहुंच बढ़ाना।

2. निवेश और नवाचार को बढ़ावा देना।

3. MSMEs और निर्यातकों को सहयोग।

4. कुशल पेशेवरों की आवाजाही को आसान बनाना।

5. गैर-शुल्क बाधाओं को कम कर बाज़ार तक पहुंच में सुधार करना।

भारतीय उपभोक्ताओं के लिए क्या होगा सस्ता?

1. स्कॉच व्हिस्की और जिन: वर्तमान 150% आयात शुल्क को पहले चरण में 75% और अगले 10 वर्षों में 40% तक कम किया जाएगा। Diageo जैसे ब्रांड अब सस्ते मिलेंगे।

2. ब्रिटिश लग्ज़री कारें: जगुआर, लैंड रोवर, एस्टन मार्टिन पर 100% से अधिक शुल्क अब कोटा आधारित प्रणाली के तहत घटाकर 10% किया जाएगा।

3. चॉकलेट, बिस्किट और सैल्मन मछली: ब्रिटिश निर्मित चॉकलेट, बिस्किट अब भारतीय सुपर मार्केट्स में सस्ते दामों पर उपलब्ध होंगे।

4. कॉस्मेटिक्स और स्किनकेयर प्रोडक्ट: L’Oréal, The Body Shop जैसे ब्रांड्स की कीमतों में गिरावट।

5. मेडिकल उपकरण: उच्च गुणवत्ता वाले डायग्नोस्टिक उपकरण जैसे MRI, CT-Scan अब भारत में आसानी से उपलब्ध और सस्ते होंगे।

FTA क्या होता हैं?

Free Trade Agreement (FTA) यह एक आर्थिक समझौता होता है जो दो या अधिक देशों के बीच किया जाता है ताकि उनके बीच व्यापार को आसान और सस्ता बनाया जा सके। इसमें सरकारें आपसी सहमति से आयात-निर्यात पर लगने वाले टैक्स (शुल्क या टैरिफ), कोटा या व्यापारिक रुकावटें कम या खत्म कर देती हैं।

India-UK FTA से भारत को किन क्षेत्रों में मिलेगा लाभ?

1. वस्त्र और चमड़ा क्षेत्र: परिधान, होम टेक्सटाइल और चमड़े के सामानों पर UK द्वारा लगाया गया 12% शुल्क समाप्त होगा। और निर्यात में बढ़ोतरी और रोज़गार के अवसर पैदा होंगे

2. रत्न और आभूषण: सोना, हीरा, आभूषण अब UK में शुल्क मुक्त निर्यात किए जा सकेंगे। साथ ही भारतीय कारीगरी को ग्लोबल मंच उपलब्ध होगा।

3. कृषि, फार्मा और प्रोसेस्ड फूड: चावल, मसाले, झींगा, चाय पर शुल्क में कटौती। साथ ही भारतीय फार्मा कंपनियों को यूके में आसान प्रवेश मिल सकेगा।

4. इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहन: Tata Motors, Mahindra, Bharat Forge जैसी कंपनियों को प्राथमिकता मिलेगी। और ईवी निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।

5. पेशेवर और कुशल कार्यकर्ता: स्वास्थ्य सेवा, आईटी, शिक्षा क्षेत्र के पेशेवरों को वीज़ा और कार्य अनुमति में प्राथमिकता। UK में रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।

दो तरफा लाभ: उपभोक्ता + उद्योग

यह समझौता केवल एक व्यापारिक संधि नहीं है, बल्कि यह दोनों देशों की आर्थिक रणनीति का एक अंग है। भारतीय उपभोक्ता को जहां सस्ते और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद मिलेंगे, वहीं भारतीय उद्योग को UK के विशाल बाजार तक पहुंच मिलेगी। इससे MSMEs, स्टार्टअप्स और पारंपरिक कारीगरों को नया जीवन मिलेगा।

आर्थिक प्रभाव और अनुमान

क्षैत्र अनुमानित लाभ
यूके की GDP$6.5 बिलियन प्रति वर्ष
भारत का निर्यात 2 गुना तक वृद्धि
रोजगार सृजन हज़ारों नए अवसर
निवेश स्टार्टअप और MSMEs में वृद्धि

वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति

इस समझौते से भारत की वैश्विक व्यापार व्यवस्था में स्थिति मजबूत होगी। यह “मेक इन इंडिया” और “वोकल फॉर लोकल” जैसे अभियानों को भी बल देगा।

The Hindu के लेख के अनुसार प्रेस से बातचीत करते हुए ब्रिटिश प्रधानमंत्री स्टार्मर ने कहा, “ब्रिटेन कई वर्षों से इस तरह के समझौते पर बातचीत कर रहा था, लेकिन यह सरकार ही है जिसने इसे अंजाम दिया। और इसके साथ ही हम एक बहुत ही शक्तिशाली संदेश दे रहे हैं कि ब्रिटेन व्यापार के लिए खुला है। और यह एक ऐसा समझौता है जिससे दोनों देशों को भारी लाभ होगा, वेतन में वृद्धि होगी, जीवन स्तर में सुधार होगा और कामकाजी लोगों की जेब में ज़्यादा पैसा आएगा। यह नौकरियों के लिए मार्ग खुलेंगे, व्यापार के लिए अच्छा है, टैरिफ़ में कमी लाएगा और दोनों देशों के बीच व्यापार को सस्ता, तेज़ और आसान बनाएगा।”

इस समझौते से जुड़ी खास बातें हैं। यह ब्रेक्ज़िट के बाद UK का सबसे बड़ा द्विपक्षीय समझौता है।भारत के लिए यह अब तक का सबसे व्यापक व्यापार समझौता है। यूके की कंपनियों और निवेशकों को भारत में निवेश की नई संभावनाएं मिलेंगी।

निष्कर्ष

भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौता 2025 ना केवल एक व्यापारिक करार है, बल्कि यह दो लोकतंत्रों के बीच साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। इससे उपभोक्ताओं को बेहतर उत्पाद, उद्योगों को व्यापक बाज़ार और देश को आर्थिक मजबूती मिलेगी।

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