दिल्ली विश्वविद्यालय ने शुरू की JAIHIND योजना !

दिल्ली विश्वविद्यालय की अनुसूचित जनजाति छात्रों के लिए JAIHIND योजना:

दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) https://www.du.ac.in ने अनुसूचित जनजाति (ST) समुदाय के छात्रों के लिए एक सराहनीय और दूरदर्शी पहल की है, जिसका नाम है ‘जयहिंद योजना’ (JAIHIND योजना) है। यह योजना शिक्षा के क्षेत्र में समानता लाने, आदिवासी युवाओं को उच्च शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

क्या है ?JAIHIND योजना

JAIHIND योजना का पूरा नाम है JanJati Immersive Holistic Intervention for Novel Development, जनजाति इमर्सिव हॉलिस्टिक इंटरवेंशन फॉर नोवेल डेवलपमेंट है। जिसका उद्देश्य दूरदराज़ के क्षेत्रों में रहने वाले अनुसूचित जनजाति समुदाय के छात्रों को डिजिटल साक्षरता, कंप्यूटर शिक्षा और CUET (कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट) की तैयारी में मार्गदर्शन प्रदान करना है।

JAIHIND योजना की शुरुआत और उद्देश्य?

इस योजना की औपचारिक शुरुआत 18 जून 2025 को हुई, जिसमें मणिपुर के उखरूल जिले के टंगखुल नागा समुदाय से आए 25 ST छात्रों (12 लड़कियां और 13 लड़के) का पहला बैच प्रशिक्षण के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय पहुंचा।

यह पहल CUET परीक्षा को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन की गई है, जिसे 2022 से सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। इस अनूठी पहल का मकसद देश भर के आदिवासी समुदाय को आत्मनिर्भर बनाना और विकसित भारत 2047 के सपनों में योगदान देने के लिए प्रेरित करना है।

मुख्य उद्देश्य?

CUET की तैयारी में सहायता (ऑनलाइन फॉर्म भरना, लॉगिन प्रक्रिया, आदि)

डिजिटल डिवाइड को समाप्त करना और सभी को उच्च शिक्षा तक समान पहुंच दिलाना।

आदिवासी युवाओं को शैक्षणिक समावेशन और छात्रवृत्ति की ओर प्रेरित करना।

JAIHIND योजना में और क्या होगा खास ?

1- छात्रों को मछली पालन और फीडिंग के तरीके छोटे क्षेत्र में मछली पालन कैसे किया जा सकता है पहाड़ी क्षेत्रों में मछली पालन के तरीके उन्हें बताए जाएंगे।

2- छात्रों को कम संसाधनों में मोती उत्पादन सिखाया जाएगा और वर्तमान में मोतियों के विभिन्न आकार दिए जा रहे हैं।

3- छात्रों को बैंकिंग और केक बनाने के तरीके भी सिखाए जाएंगे क्योंकि मणिपुर में क्रिश्चियन आबादी अधिक है।

4- लेमनग्रास एसेंशियल ऑयल और परफ्यूम बनाने जैसे उद्योग के बारे में उन्हें प्रायोगिक तरीके से बताया जाएगा।

5- जेम्स और जेली मेकिंग भी सिखाई जाएगी।

6- पूरे कार्यक्रम की एक डॉक्यूमेंट्री बनाई जाएगी डॉक्यूमेंट्री कैसे बनाते हैं इस बारे में भी उन्हें सिखाया जाएगा ।

‘जयहिंद’ कौशल प्रशिक्षण की अवधि कितनी होगी ?

प्रशिक्षण अवधि:

18 जून से 29 जून 2025 तक (दो सप्ताह) 2 सप्ताह के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में छात्रों को स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग दी जाएगी और बुनियादी कंप्यूटर कौशल से लेकर आम यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) की तैयारी तक यह कार्यक्रम छात्रों को शिक्षा के लिए तैयार करेगा। दिल्ली विश्वविद्यालय में हर साल अनुसूचित जनजाति की सीट खाली रह जाती है, इस योजना का एक प्रमुख उद्देश्य छात्र को विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में से परिचित कराकर उन्हें प्रवेश के लिए प्रोत्साहित करना है ।

यात्रा और आवास का पूरा खर्च दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा वहन किया जाएगा। भविष्य में DU के शिक्षक जनजातीय क्षेत्रों में जाकर प्रशिक्षण देंगे

MSME मंत्रालय के संयुक्त सचिव होंगे समापन कार्यक्रम में शामिल । MSME मंत्रालय के संयुक्त सचिव छात्रों से बात करेंगे कार्यक्रम के समापन पर और उन्हें मंत्रालय की योजनाओं के बारे में जानकारी देंगे । यह पहल केवल मणिपुर तक जीवित नहीं रहेगी

JAIHIND YOJNA

बल्कि NITI आयोग की ओर से चयनित अन्य जिलों के एसटी छात्रों को भी भविष्य में इसका लाभ मिलेगा ।

कैसे हुई छात्रों की चयन प्रक्रिया

JAIHIND योजना के लिए छात्रों का चयन एक पारदर्शी प्रक्रिया के तहत हुआ, मणिपुर शिक्षा विभाग ने एक विशेष परीक्षा आयोजित की थी जिसमें 50% अंक इस परीक्षा के और बाकी 50% अंक की मुख्य परीक्षा के अंकों के आधार पर 25 छात्रों का चयन किया गया । हालांकि एक छात्र की तबीयत खराब होने कारण अंतिम सूची में 24 छात्र शामिल है यही चयन प्रक्रिया। भविष्य में अपनाई जाएगी जिसमें जिम्मेदारी संबंधित शिक्षा विभाग की होगी ।

निष्कर्ष:

दिल्ली विश्वविद्यालय की यह पहल डिजिटल असमानता को खत्म करने की दिशा में एक ठोस प्रयास है। ‘जयहिंद योजना’ न केवल अनुसूचित जनजातियों के छात्रों को नई दिशा देने वाली है, बल्कि यह समावेशी शिक्षा और सशक्त भारत के निर्माण की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम भी है।

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