देशभर में धूमधाम से मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव
21जून 2025: शनिवार

आज 21 जून को 11वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस देशभर में उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। इस वर्ष की थीम ” योगा फॉर वन अर्थ, वन हैल्थ” (Yoga for One earth,One health) रखी गई, जिसने शारीरिक, मानसिक और सामाजिक संतुलन के महत्व को उजागर किया।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और एक विशेष कार्यक्रम के तहत विशाखापट्टनम में लोगों के साथ योगाभ्यास किया।
2025 में 11वीं अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की वर्षगांठ:
Yoga for One Earth, One Health” / “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग”
वर्ष 2025 में यह दिन अपनी 11वीं अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की वर्षगांठ मना रहा है। इस वर्ष की थीम है: “Yoga for One Earth, One Health” https://ayush.gov.in/ “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” यह विषय इस बात पर जोर देता है कि मानव स्वास्थ्य और पृथ्वी के स्वास्थ्य के बीच गहरा संबंध है। आज जब जलवायु परिवर्तन, मानसिक स्वास्थ्य संकट और असंतुलित जीवनशैली हमारे सामने हैं, तो योग एक संतुलन और समाधान का माध्यम बन कर उभरा है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 की थीम के उद्देश्य:
इस वर्ष की थीम के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
योग को सिर्फ व्यक्तिगत फिटनेस नहीं, बल्कि सतत जीवनशैली के रूप में अपनाना।
पर्यावरण के प्रति जागरूकता और संयमित उपभोग की आदतें विकसित करना।
यह समझना कि व्यक्तिगत कार्यों का प्रभाव वैश्विक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है।
प्रमुख आयोजन राजधानी से कन्याकुमारी तक:

इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर देशभर के सभी राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों और ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष योग सत्रों का आयोजन किया गया। आज विशाखापत्तनम में योग कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें हजारों प्रतिभागियों के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने भाग लिया। सभी आयु वर्ग के लोग – बच्चों से लेकर वरिष्ठ नागरिकों तक – ने मिलकर योगाभ्यास किया और योग के संदेश को अपनाने का संकल्प लिया।
और हमारे देश के सुरक्षा बलो ने भी देश के विभिन्न स्थानों पर योग किया।
जिसमें हमारे देश के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने भी जम्मू उधमपुर में अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में भाग लिया, लद्दाख के लेह में, असम राइफल ने मणिपुर के चूड़ाचंदपुर में घने जंगलों के बीच योग किया ।
लद्दाख की बर्फीली चोटियों से लेकर कन्याकुमारी के समुद्री तट तक योग की अलौकिक छटा देखने को मिली।
हिमाचल प्रदेश में पर्वतीय योग शिविर और उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा किनारे योग अभ्यास आकर्षण का केंद्र रहे।महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, बिहार और उत्तराखंड जैसे राज्यों में लाखों लोगों ने सामूहिक योग किया।
यह संदेश दिया कि योग भारत की प्राचीन परंपरा हैं । जो आज पूरे विश्व का मार्गदर्शन कर रही है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत कैसे हुई?
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की पहल सबसे पहले भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में अपने संबोधन के दौरान की थी। उनका यह प्रस्ताव 11 दिसंबर 2014 को UNGA द्वारा 21 जून को योग दिवस के रूप में घोषित किया गया।
21 जून को इसलिए चुना गया क्योंकि यह ग्रीष्म संक्रांति (Summer Solstice) का दिन होता है – यानी उत्तरी गोलार्ध का सबसे लंबा दिन। यह प्रकाश, चेतना और जागरूकता का प्रतीक माना जाता है, जो योग के मूल सिद्धांतों से मेल खाता है।
योग के लाभ:
आज की तेज़ रफ्तार और तनावपूर्ण दुनिया में योग एक स्वाभाविक, संपूर्ण समाधान प्रदान करता है। यह न केवल तनाव को कम करता है, बल्कि मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक संतुलन भी लाता है।
उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग जैसी बीमारियों में राहत देता हैं।जागरूकता और वर्तमान में जीने की आदत को बढ़ावा मिलता हैं।
आप कैसे भाग ले सकते हैं?
अपने क्षेत्र या शहर में आयोजित योग सत्रों में भाग लें ।
परिवार और दोस्तों के साथ योग करें । अपनी योग यात्रा को सोशल मीडिया पर साझा करें ।
प्राकृतिक जीवनशैली अपनाने के छोटे-छोटे कदम उठाएं ।प्राणायाम, ध्यान और योगदर्शन के गहरे पहलुओं को जानने की कोशिश करें
निष्कर्ष:
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि योग आज केवल भारत तक सीमित नहीं, बल्कि यह एक वैश्विक आंदोलन बन चुका है। इसने लोगों को न केवल स्वास्थ्य के प्रति सजग किया, बल्कि समाज में सद्भाव, समरसता और संतुलन का संदेश भी दिया।
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